बहुत दिनों बाद
मिले मेरे दोस्त ने बताया
कितना है आजकल वह व्यस्त
कितनी है मुसीबतें आजकल
और कितनी से उबकर उसने
नयी मुसीबतों के घर में रका है क़दम
पूरे समय उसे फ़ुरसत ही नहीं मिली
कुछ और पूछने-कहने की
जैसे कि उसने पूरी तैयारी की हो
यह सब बताने की पहले से ही
जबकि यह हमारी आकस्मिक मुलाकात थी
उसे अलबिदा कहने के बाद
मैंने ली राहत की सांस
थैंक गाड
मैं नहीं हूं इतना व्यस्त
कि दूसरे की बात न सुन सकूं
थैंक गाड
मेरे पास नहीं है इतनी परेशानियां
कि उनका हेल-मेल दूसरे से कराऊं।
Friday 30 July 2010
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