जाने क्यों अच्छी लगती हैं टूटने की आवाजें
जबकि बार-बार मुझे इंकार है ऐसी आवाजों को सुनने से
क्या हममें बसी है कोई पुरातन धुन
जिसकी लय देती है हमारी धमनियों को नई गति
और दिमाग को एक अजब सा सुकून
क्योंकि आखिरकार वही और वही है हमारी नियति
हालाांकि यह भी सच है कि हर समय हर घड़ी
नहीं होता शुभ किसी वस्तु का टूटने से रह जाना
यह टूटना ही वह सत्य है जिससे हमें होते जाना होता है
परिचित
न चाहते हुए भी
टूटने की क्रिया की स्वाभाविकता से हमें होना होता है बार-बार
दो चार
दरअसल हमें अपने अंदर टूटने की विवशता ही
हमें खुद करती है प्रेरित कुछ न कुछ तोड़ने को
यदि नहीं कर पाते हम
तो हो जाते हैं किसी टूटने की खुशी में शरीक
टूटते जाना एक उत्सव है
टूटना है एक संगीत
अर्थ का अंतिम बिन्दु
अनर्थ का चरम
दरअसल हमारा होना
टूटते जाने की एक क्रिया है
इस क्रिया में हमारा दिल बहलाव है कुछ न कुछ तोड़ते रहना
हम एक सच को खेल में तब्दील करते रहते हैं
जो अपने टूटने से जितना खाता है खौफ
तोड़ता है उतनी ही चीजें
वह उस बेचैनी को अभिव्यक्ति देता है जो है
उसके भीतर
हालांकि जब जब वह खुश होता है अपनी किसी सफलता पर
वह नापता है अपनी ऊंचाई
तोड़ने का शक्ति परीक्षण कर
वह इस बात को अनचाहे ही स्वीकार करता है
कि तोड़ने की शक्ति ही उसकी कुल उपलब्धि है
विस्तार है जो उसके भय का.
Sunday, 1 August 2010
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टूटते जाना एक उत्सव है
ReplyDeleteटूटना है एक संगीत
अर्थ का अंतिम बिन्दु
अनर्थ का चरम
दरअसल हमारा होना
टूटते जाने की एक क्रिया है
प्रिय अभिज्ञात जी ,
प्रणाम !
ओपर कि पंक्तिया आप कि नज़र जो मेरी पसंद कि है , बेहद सुंदर अभिव्यक्ति है ,
साधुवाद
सादर